
प्रयागराज,
मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर महाकुंभ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच भगदड़ मचने की खबर से हड़कंप मच गया। इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हुए, जिससे पूरे आयोजन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कैसे हुई भगदड़?
हर बार की तरह इस बार भी मौनी अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर पुण्य स्नान करने पहुंचे थे। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए थे, लेकिन अचानक हुए अव्यवस्थित जनसैलाब ने स्थिति को बिगाड़ दिया। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, सुरक्षा व्यवस्था की चूक के कारण यह हादसा हुआ।
शंकराचार्य का बड़ा बयान
भगदड़ की घटना पर शंकराचार्य ने दुख व्यक्त किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने प्रशासन पर घटना की सच्चाई छिपाने का भी आरोप लगाया और कहा कि पूरे दिन हादसे की सही जानकारी बाहर नहीं आने दी गई।
क्या थे पहले से इंतजाम?
महाकुंभ के आयोजन से पहले ही सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की बात कही थी। विशेष रूप से मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के दिन भीड़ नियंत्रण के लिए अलग से योजनाएँ बनाई गई थीं। बावजूद इसके, इस तरह की घटना ने पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आगे क्या?
महाकुंभ अभी जारी है और इसके कई महत्वपूर्ण स्नान पर्व अभी शेष हैं। प्रशासन ने कहा है कि अब भीड़ नियंत्रण के और कड़े उपाय किए जाएंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।