
लेखक: विशेष संवाददाता | नई दिल्ली
आज के दौर में तेजी से बदलती जीवनशैली, बढ़ता तनाव, गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या के कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता (male fertility) में लगातार गिरावट देखी जा रही है। खासतौर पर Low Sperm Count या Oligospermia एक बड़ी समस्या बनती जा रही है, जिसके कारण दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त करने में कठिनाई होती है। वैज्ञानिकों और आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हम अपने भोजन में कुछ विशेष चीजें शामिल करें तो न सिर्फ स्पर्म काउंट को बढ़ाया जा सकता है, बल्कि स्पर्म की गुणवत्ता (quality), गतिशीलता (motility) और रूप (morphology) में भी सुधार लाया जा सकता है।
क्या है स्पर्म काउंट?
स्पर्म काउंट का अर्थ होता है – एक मिलीलीटर सीमेन में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या। सामान्यतः यह संख्या 15 मिलियन/ml या इससे अधिक होनी चाहिए। यदि यह संख्या इससे कम है, तो उसे “Low Sperm Count” कहा जाता है। इसका सीधा असर पुरुष की प्रजनन क्षमता पर पड़ता है।
स्पर्म काउंट कम होने के मुख्य कारण
1. तनाव और अवसाद: मानसिक तनाव टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को प्रभावित करता है, जिससे शुक्राणुओं का उत्पादन घटता है।
2. धूम्रपान और शराब: ये दोनों ही चीजें शुक्राणुओं की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाते हैं।
3. अनियमित नींद और व्यायाम की कमी: शरीर को उचित आराम और रक्त संचार नहीं मिलने से टेस्टिकुलर हेल्थ खराब होती है।
4. पोषण की कमी: जिंक, फोलेट, विटामिन C और E जैसे पोषक तत्वों की कमी से भी स्पर्म काउंट घटता है।
5. मोटापा और सुस्ती: अधिक वजन हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है और शरीर में गर्मी बढ़ाकर शुक्राणुओं की संख्या घटाता है।
आयुर्वेद और पोषण विज्ञान के अनुसार ये चीजें बढ़ाती हैं स्पर्म काउंट:
अब बात करते हैं उन प्राकृतिक और पोषण से भरपूर आहारों की जो वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हैं और स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मददगार माने गए हैं।
1. अखरोट (Walnut)

अखरोट में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह शुक्राणुओं की गतिशीलता और जीवन शक्ति को बढ़ाता है। अमेरिका की UCLA यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार, रोजाना 75 ग्राम अखरोट खाने से 12 सप्ताह में स्पर्म क्वालिटी में जबरदस्त सुधार देखा गया।
2. शतावरी (Asparagus Racemosus)

यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो पुरुषों की यौन शक्ति, वीर्य की मात्रा और शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बढ़ाती है। यह शरीर में ओक्सीडेटिव तनाव को कम करती है जो स्पर्म डैमेज का मुख्य कारण है।
3. अंडा (Egg)

अंडे में विटामिन B12, विटामिन E और प्रोटीन भरपूर होता है। यह DNA डैमेज से स्पर्म की रक्षा करता है और नए शुक्राणुओं के निर्माण में सहायता करता है।
4. लहसुन (Garlic)

लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन नामक तत्व रक्त संचार को बेहतर करता है और टेस्टिकल्स को पोषण प्रदान करता है। यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को भी संतुलित करता है।
5. कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds)

इनमें जिंक, फाइटोस्टेरॉल्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। यह टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाता है और शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करता है।
6. बादाम और अखरोट जैसे सूखे मेवे
ये दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन E के अच्छे स्रोत हैं, जो स्पर्म कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाते हैं।
7. केला (Banana)

इसमें ब्रोमेलिन नामक एंजाइम होता है जो यौन हार्मोन को संतुलित करता है और यौन क्षमता को बढ़ाता है। केला ऊर्जा भी देता है और शरीर को सक्रिय बनाता है।
8. हरी पत्तेदार सब्जियां (Spinach, Methi, etc.)

इनमें फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जो स्पर्म के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। कम फोलेट स्तर होने पर स्पर्म असामान्य रूप में बनते हैं।
9. आंवला (Indian Gooseberry)

विटामिन C से भरपूर आंवला इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है। यह शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता दोनों को बढ़ाता है।
10. डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate)

इसमें L-Arginine नामक एमिनो एसिड होता है, जो स्पर्म काउंट और मोटिलिटी दोनों में सुधार लाता है। साथ ही, यह मूड को भी बेहतर करता है।
किन आदतों से बचें?
टाइट अंडरवियर और गर्म वातावरण में ज्यादा देर न रहें
मोबाइल या लैपटॉप को गोद में रखने से बचें
फास्ट फूड और अधिक तेल-मसाले वाला खाना कम करें
अत्यधिक शराब और धूम्रपान से पूरी तरह परहेज़ करें
प्लास्टिक में गर्म खाना खाने की आदत से बचें
क्या कहती हैं विशेषज्ञों की राय?
AIIMS, नई दिल्ली के डॉ. अजय सिंह के अनुसार, “स्पर्म काउंट कम होने का इलाज सिर्फ दवाइयों से नहीं होता, बल्कि जीवनशैली और खानपान में बदलाव से यह काफी हद तक सुधर सकता है।” वहीं, आयुर्वेदाचार्य डॉ. वेदप्रकाश त्रिपाठी का कहना है, “प्राकृतिक खाद्य पदार्थ और जड़ी-बूटियाँ जैसे शिलाजीत, अश्वगंधा, शतावरी और कौंच बीज – फर्टिलिटी बढ़ाने में रामबाण हैं।”
स्पर्म काउंट को बढ़ाने के लिए किसी चमत्कारी दवा की नहीं, बल्कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनावमुक्त जीवन और उचित नींद की जरूरत है। यदि आप इन बातों को जीवनशैली का हिस्सा बना लें, तो ना सिर्फ स्पर्म काउंट में वृद्धि होगी बल्कि संपूर्ण यौन स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।