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Pahalgam Terror Attack: मौत की घाटी में लहूलुहान पहलगाम – नाम पूछ-पूछ कर मारे गए पर्यटक, 28 की मौत, 30 घायल।

22 अप्रैल 2025 | Pahalgam, Jammu & Kashmir

एक तरफ़ देश छुट्टियों और गर्मियों की चहल-पहल में व्यस्त था, तो दूसरी तरफ़ जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहाड़ी इलाकों में कुछ निर्दोष पर्यटक अपनी ज़िंदगी की आख़िरी छुट्टी मना रहे थे। सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम (Pahalgam) की प्रसिद्ध बैसरन घाटी में हुआ आतंकी हमला देश को हिलाकर रख गया। इस भीषण हमले में अब तक 28 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 30 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।

यह हमला न केवल एक आतंकी साज़िश थी, बल्कि यह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला ऐसा बर्बर चेहरा था, जिसने धार्मिक पहचान के आधार पर मासूमों की जान ली।

घटना का विवरण – What exactly happened in Pahalgam?

यह घटना 22 अप्रैल को दोपहर करीब 1 बजे की है जब सैकड़ों पर्यटक पहलगाम की वादियों में मस्ती कर रहे थे। तीन heavily armed आतंकी, काले कपड़ों और नकाब में, बैसरन घाटी पहुंचे। वहां मौज़ूद पर्यटकों पर AK-47 और हैंड ग्रेनेड से हमला कर दिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आतंकियों ने भीड़ से कहा:

“Naam batao… Musalman ho ya nahi?”

इसके बाद उन्होंने लोगों को कलमा पढ़ने को कहा। जो पर्यटक कलमा नहीं पढ़ सके, उन्हें वहीं गोली मार दी गई। यह हमला सिर्फ अंधाधुंध गोलीबारी नहीं था, बल्कि चुन-चुन कर धार्मिक आधार पर की गई हत्या थी।

Eyewitness Account: “Main bhel puri kha rahi thi, unhone mere pati ko goli maar di”

एक महिला पर्यटक, जो उत्तर प्रदेश से अपने पति और बच्चों के साथ घूमने आई थी, ने रोते हुए बताया:

“मैं भेलपुरी खा रही थी… तभी गोलियों की आवाज़ आई… और मैंने देखा कि मेरे पति ज़मीन पर गिर पड़े… सिर में गोली लगी थी।”

उसने आगे बताया कि आतंकी पूछ रहे थे, “ये मुसलमान नहीं लगता” और फिर गोली मार देते।

घायलों और मृतकों की सूची – 5 राज्यों के लोग शामिल

मारे गए लोगों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के पर्यटक शामिल हैं। दो विदेशी नागरिक – एक इटली से और एक इज़राइल से – भी इस हमले में मारे गए हैं। घायलों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं, जिनका इलाज श्रीनगर के अस्पतालों में चल रहा है। 10 घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

Terror Outfit ने ली हमले की जिम्मेदारी

हमले की जिम्मेदारी “Kashmir Resistance” नामक आतंकी संगठन ने ली है। इस संगठन ने दावा किया कि यह हमला कश्मीर में “धार्मिक भेदभाव” के खिलाफ एक “जवाबी कार्रवाई” है। हालांकि, यह केवल निर्दोषों की हत्या है, जिसका कोई औचित्य नहीं हो सकता।

Security Forces की त्वरित प्रतिक्रिया

हमले के तुरंत बाद CRPF, Jammu Kashmir Police और Indian Army ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। बैसरन घाटी और उसके आसपास के पूरे इलाके को सील कर दिया गया। ड्रोन, स्निफर डॉग्स और हेलिकॉप्टर्स की मदद से आतंकियों की तलाश जारी है।

IGP Kashmir Shri Vidyut Singh ने कहा:

“This is not just an attack on tourists, it is an attack on the soul of India. We will track and eliminate these terrorists at any cost.”

PM Modi और HM Amit Shah की कड़ी प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “कायराना और बर्बर” बताते हुए कहा:

“Pahalgam attack won’t go unpunished. The nation stands with the victims and their families.”

गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ हाईलेवल मीटिंग की और घाटी में सुरक्षा अलर्ट बढ़ा दिया गया है। NIA और IB को भी इस केस की जांच में लगा दिया गया है।

International Reaction – Trump & Putin condemn attack

इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तीव्र निंदा की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हमले को “Against Humanity” बताया और भारत को समर्थन देने की बात कही।

स्थानीयों का रिएक्शन – “हमें जिंदा रहने दो”

कई कश्मीरी मुस्लिम नागरिकों ने सड़कों पर उतर कर इस हमले की निंदा की और मोमबत्ती मार्च निकाला। एक बुज़ुर्ग ने कहा: “Terrorism has no religion. हम भी इस ज़मीन के वासी हैं, लेकिन हर बार हमें शक की नज़र से देखा जाता है। Enough is enough.”

Political Statements: Rajniti bhi garam

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हमले को सुरक्षा विफलता बताया।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को “heartbreaking” कहा और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आतंक के नाम पर मुसलमानों को दोषी ठहराना भी गलत है।

घाटी एक बार फिर लहूलुहान

जब देश में अमन की उम्मीदें जाग रही थीं, कश्मीर की घाटी फिर एक बार लहूलुहान हो गई। यह हमला केवल मौत नहीं लाया, बल्कि देश की आत्मा को झकझोर गया है।

आज सवाल यह नहीं है कि हम जवाब देंगे या नहीं – सवाल यह है कि जवाब कितना तेज, कितना निर्णायक और कितना स्पष्ट होगा।

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